हरिद्वार, 4 जून 2025 — उत्तराखंड सरकार द्वारा किए गए प्रशासनिक फेरबदल के तहत आईएएस मयूर दीक्षित ने हरिद्वार के नए जिलाधिकारी के रूप में रोशनाबाद स्थित जिला कार्यालय में अपना पदभार ग्रहण किया है। यह नियुक्ति पूर्व जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह के 54 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले में निलंबन के बाद की गई है।
मयूर दीक्षित: एक परिचय
मयूर दीक्षित, 2013 बैच के उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने IIT कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया और IIM बैंगलोर से प्रबंधन में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी से पर्यावरण कानून में डिप्लोमा भी किया है। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने उधमसिंह नगर में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में कार्य किया, इसके बाद उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल जिलों में जिलाधिकारी के पद पर अपनी सेवाएं दी हैं।
पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों का पुनरुद्धार
उत्तरकाशी में जिलाधिकारी रहते हुए, मयूर दीक्षित ने ‘मिशन इंद्रावती’ की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य पारंपरिक जल स्रोतों का पुनरुद्धार था। इस पहल के तहत उन्होंने जल संरक्षण के लिए कई कदम उठाए, जिससे स्थानीय समुदायों को लाभ हुआ।
पर्यटन को बढ़ावा
हरिद्वार एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान और कांवड़ यात्रा के लिए आते हैं। मयूर दीक्षित का लक्ष्य तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करना और धार्मिक आयोजनों को सुव्यवस्थित करना है।
बुनियादी ढांचे का विकास और जनकल्याण
टिहरी में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने ‘हर घर जल’ योजना के तहत जलापूर्ति परियोजनाओं को तेज किया और ‘मिशन अमृत सरोवर’ के तहत जल संरक्षण के लिए तालाबों का निर्माण करवाया। हरिद्वार में भी वे सड़क, बिजली, पानी, और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने पर ध्यान देंगे।
जनता से सीधा संवाद
मयूर दीक्षित की कार्यशैली में जनता से सीधा संवाद और समस्याओं का त्वरित समाधान शामिल है। रुद्रप्रयाग और टिहरी में उन्होंने ‘जनता मिलन’ कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों की शिकायतों को सुना और हल किया। हरिद्वार में भी वे नियमित जनता मिलन और समीक्षा बैठकों के जरिए प्रशासन को जन-उत्तरदायी बनाने का प्रयास करेंगे।
