मुख्य सेवक सदन में ‘सुंदरलाल बहुगुणा पर्यावरण सम्मान’ का वितरण, इको टूरिज्म पोर्टल और जागरूकता अभियान का शुभारंभ
देहरादून, संवाददाता।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए कहा,
“प्रकृति केवल संसाधन नहीं, हमारी संस्कृति और शक्ति का स्रोत है। इसके संरक्षण में ही भविष्य की सुरक्षा निहित है।”
मुख्य सेवक सदन में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को ‘सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार–2025’ से सम्मानित किया। कार्यक्रम में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तैयार किए गए जागरूकता पोस्टर का विमोचन और इको टूरिज्म कॉरपोरेशन के पोर्टल का शुभारंभ भी किया गया।
प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड की ओर: शपथ और हस्ताक्षर अभियान
कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने छात्रों और उपस्थित जनसमूह के साथ पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली, और “प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड” अभियान के तहत हस्ताक्षर अभियान में सहभागिता निभाई। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे सिंगल यूज़ प्लास्टिक के प्रयोग को छोड़ें और अपने जीवन में हरियाली को आत्मसात करें।
“बुके नहीं, बुक दें”: हरित संस्कृति को अपनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का प्राकृतिक वैभव और जैव विविधता इसे एक अनोखी पहचान देते हैं।
“यहां के पेड़-पौधे, वनस्पतियाँ हमारी संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा हैं। जीवन के हर विशेष अवसर पर पौधारोपण करें और ‘बुके नहीं, बुक दें’ जैसे नवाचारों को अपनाकर भावी पीढ़ी को हरित और शिक्षित भविष्य दें।”
वन्यजीवों की रक्षा: हर डिवीजन में 1000 फलदार वृक्ष
वन्य जीवों के जंगल से बाहर आने की घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि
“इस वर्ष वन विभाग के प्रत्येक डिवीजन में 1000 फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे, ताकि वन्य जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में ही पर्याप्त आहार मिल सके और मानव-वन्यजीव संघर्ष में कमी आए।”
“एक पेड़ माँ के नाम”: भावनाओं और ज़िम्मेदारी का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू किए गए “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान को राज्य स्तर पर गति देने की बात कही।
उन्होंने कहा कि इस अभियान से जुड़ना सिर्फ एक पौधा लगाना नहीं, बल्कि
“यह माँ के प्रति श्रद्धा और प्रकृति के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी का प्रतीक है।”
उन्होंने अपने शासकीय आवास परिसर में भी पौधारोपण कर अभियान की शुरुआत की और सभी नागरिकों से अपील की कि वे भी अपनी मां के नाम एक वृक्ष लगाएं और उसे संरक्षित करने का संकल्प लें।
नागरिकों से अपील: हरित उत्तराखंड, सुरक्षित भविष्य
समापन में मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों को जागरूक करते हुए कहा,
“उत्तराखंड को हरित और स्वच्छ बनाए रखने में हर नागरिक की भूमिका अहम है। पौधारोपण करें, प्लास्टिक का बहिष्कार करें और आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ वातावरण का उपहार दें।”
कार्यक्रम में स्कूली बच्चों, स्वयंसेवी संगठनों, पर्यावरण प्रेमियों, और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
