हरिद्वार, 6 जून 2025 | विशेष संवाददात मोहित शर्मा गंगा नगरी हरिद्वार जहाँ आध्यात्म और सेवा का केंद्र है, वहीं आज यह शहर पर्यावरण संरक्षण की एक प्रेरणादायक मुहिम का गवाह बना। नगर आयुक्त श्री नंदन कुमार ने आज सेवा कार्यों के नाम पर फैल रहे single-use plastic के उपयोग को लेकर विशेष निरीक्षण अभियान चलाया। यह अभियान केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक गंभीर संदेश था — सेवा के साथ स्वच्छता और प्रकृति के प्रति संवेदना अनिवार्य है।
सेवा के नाम पर प्रदूषण नहीं: हरिद्वार को चाहिए सजग नागरिक
देवपुरा चौक, अग्रसेन चौक, ऋषिकुल चौक, रानीपुर मोड़ और अन्य प्रमुख चौराहों पर जब नगर आयुक्त का काफ़िला पहुँचा तो वहाँ जलसेवा, शरबत वितरण व अन्य पुण्य कार्यों की भरमार थी। लेकिन अधिकांश जगहों पर प्लास्टिक गिलास, थैलियाँ, डिस्पोज़ल कप बेतरतीब तरीके से सड़कों पर बिखरे मिले। कई स्थानों पर डस्टबिन तक की व्यवस्था नहीं थी, जिससे यह कार्य सेवा से अधिक प्रदूषण में तब्दील हो रहा था।
श्री नंदन कुमार ने इस स्थिति को देखकर अधिकारियों को तुरंत निर्देश दिए कि जनसेवा के नाम पर गंदगी फैलाने की प्रवृत्ति पर सख्त कार्यवाही की जाए और प्रत्येक सार्वजनिक सेवा स्थल पर डस्टबिन की व्यवस्था सुनिश्चित करवाई जाए।
नंदन कुमार: हरिद्वार को स्वच्छ, सुंदर और प्लास्टिक मुक्त बनाने के दृढ़ संकल्प के साथ अग्रसर
नगर आयुक्त श्री नंदन कुमार के कार्यकाल में हरिद्वार नगर निगम ने जिस प्रकार स्वच्छता, अनुशासन और नवाचार को प्राथमिकता दी है, वह सराहनीय है। उनका फील्ड में उतरकर निरीक्षण करना, आम नागरिकों से संवाद करना, और कर्मचारियों को हर समय सक्रिय रखने का प्रयास उनके जनहितकारी और पारदर्शी प्रशासन को दर्शाता है।
“जनसेवा का उद्देश्य तभी पूर्ण होता है जब उसमें समाज और पर्यावरण दोनों की भलाई निहित हो। हमें सेवा के साथ-साथ स्वच्छता का भी उतना ही ख्याल रखना होगा। हरिद्वार जैसे धार्मिक शहर की गरिमा तभी बनी रह सकती है जब हम इसे प्लास्टिक मुक्त, साफ़-सुथरा और सुव्यवस्थित बनाए रखें।”
नगर निगम की अपील:
हरिद्वार नगर निगम ने शहरवासियों, सेवा समितियों और सामाजिक संगठनों से स्पष्ट रूप से अपील की है:
प्लास्टिक गिलास, बोतल, थैली और डिस्पोज़ल कपों का प्रयोग तुरंत बंद करें।
पुनः उपयोग योग्य या biodegradable सामग्री का प्रयोग करें।
हर सेवा स्थल पर दो कूड़ेदान – सूखा और गीला कचरा – की व्यवस्था रखें।
किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या गंदगी की सूचना नगर निगम हेल्पलाइन पर दें।
जुर्माना व चेतावनी
नगर आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जो भी सेवा आयोजन प्लास्टिक का उपयोग करता पाया जाए, उस पर जुर्माना लगाया जाए और दोबारा चेतावनी न देने की नीति अपनाई जाए। नगर निगम की निगरानी टीम अब रोज़ाना गश्त करेगी और जगह-जगह निगरानी रखेगी।
हरिद्वार की जनता से विशेष अनुरोध
हरिद्वार की पहचान केवल गंगा तट, मंदिर और संतों से नहीं है, बल्कि यह शहर एक जीवनशैली और संस्कृति का प्रतीक है। यदि हम इस पवित्र नगरी को साफ़ और सुरक्षित नहीं रख सकते, तो यह हमारी धार्मिक चेतना पर प्रश्नचिह्न है। आइए, नगर आयुक्त श्री नंदन कुमार के इस मिशन में सहभागी बनें और अपने हर सेवा कार्य को पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी बनाएं।
