गुरु परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं- महंत निर्मल दास
ब्यूरो :मोहित शर्मा
हरिद्वार। श्रवण नाथ नगर स्थित श्री तारकेश्वर धाम आश्रम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान महंत निर्मल दास महाराज ने गुरुओं का पूजन कर विश्व कल्याण की कामना की। श्रद्धालु भक्तों को गुरु महिमा का महत्व बताते हुए महंत निर्मल दास महाराज ने कहा कि गुरु ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप है जो भक्तों की आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार करवा कर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। गुरु की शरण में जो भी शिष्य आ जाता है उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति चाहे किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हो उसे गुरु की आवश्यकता पड़ती ही है। गुरु के बिना जीवन अंधकारमय एवं अधूरा है। युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि गुरु अपने शिष्य के उज्जवल भविष्य का निर्माण करते हैं। गुरु केवल ज्ञान का शिक्षक नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक, अज्ञान को दूर करने वाला और आत्म-साक्षात्कार के सूत्रधार हैं।
स्वामी हरिहरानंद महाराज ने कहा कि गुरु शिष्य को सही मार्ग दिखाते हैं और जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद करते हैं। अनादिकाल से गुरु ने शिष्य का हर क्षेत्र में व्यापक एवं समग्रता से मार्गदर्शन किया है। अतः सद्गुरु की ऐसी महिमा के कारण उसका व्यक्तित्व माता-पिता से भी ऊपर है। हम सभी को अपने गुरु के द्वारा बताए गए मार्ग का अनुसरण करते हुए अपने जीवन में सफल बनाना चाहिए। महंत निर्मल दास महाराज ने स्वामी रविदेव शास्त्री एवं स्वामी हरिहरानंद महाराज को उनके गुरु का चित्र भेंट कर उन्हें गुरु पर्व की शुभकामनाएं भी प्रदान की। इस अवसर पर स्वामी ज्योतिर्मयानंद, मंहत दिनेश दास, आचार्य रामचंद्र, पंडित अजीत त्रिपाठी, पंडित योगेंद्र मिश्रा सहित कई श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।
