विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभिभावकों, छात्रों, शोधार्थियों, विशेषज्ञों, पूर्व छात्र, आम लोगों समेत अन्य हितधारकों से उच्च शिक्षा में बदलाव को लेकर विश्वविद्यालयों से जानकारी मांगी गई थी।
Nai Delhi छात्रों और अभिभावकों के लिए राहत की खबर है। अब कोई भी उच्च शिक्षण संस्थान और विश्वविद्यालय फीस, रैंकिंग, मान्यता, प्रवेश, पाठ्यक्रम, शोध, पेटेंट, विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों से समझौते व शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता के नाम पर अब छात्रों और अभिभावकों को धोखा नहीं दे सकेंगे। विश्वविद्यालयों को अपनी वेबसाइट पर इन 11 विषयों की जानकारी अपलोड करनी अनिवार्य होगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभिभावकों, छात्रों, शोधार्थियों, विशेषज्ञों, पूर्व छात्र, आम लोगों समेत अन्य हितधारकों से उच्च शिक्षा में बदलाव को लेकर विश्वविद्यालयों से जानकारी मांगी गई थी। लेकिन रिपोर्ट में पता चला कि अधिकतर विश्वविद्यालयों की वेबसाइट पर फीस, दाखिला, प्रोस्पेक्टस, रिसर्च, फैकल्टी, लाइब्रेरी, वार्षिक रिपोर्ट समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां अपलोड नहीं की गई है।
इसी कारण छात्र और अभिभावक अक्सर भ्रमित होते हैं। इसके अलावा हितधारकों को काफी असुविधा और अनिश्चितता का सामना भी करना पड़ता है। इसीलिए सभी उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों को अपनी वेबसाइट पर 11 विषयों की जानकारियां अपलोड करके सार्वजनिक करनी अनिवार्य कर दिया है।
वेबसाइट पर मिलेगी यह जानकारियां
विश्वविद्यालयों को अपनी वेबसाइट पर एडमिशन व फीस (फीस, प्रोस्पेक्टस की सॉफ्ट कॉपी, विभिन्न डिग्री प्रोग्राम की फीस, फीस वापसी, विदेशी छात्रों के लिए दाखिला नियम), शोध (रिसर्च एंड डेवलेपमेंट सेल, पब्लिकेशन, पेटेंट, विदेशी व उद्योगों से किए गए समझौते), अकादमिक (कार्यक्रम, कैलेंडर, स्कूल, डिपार्टमेंट, लाइब्रेरी), उच्च शिक्षण संस्थान और विश्वविद्यालय (उच्च शिक्षण संस्थान की जानकारी, विश्वविद्यालय में कौन सा एक्ट लागू है, संस्थान, वार्षिक रिपोर्ट, उसके मान्यता प्राप्त, ऑफ कैंपस, एक्रीडिटेशन, रैंकिंग, नेक व एनआईआरएफ ), प्रशासन (कुलपति, कुलाधिपति, रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक, मुख्य विजिलेंस अधिकारी, ईसी, एसी, वित्त समिति, विभिन्न विभागों के डीन), स्टूडेंट स्पोर्ट सर्विस (हॉस्टल, फेलोशिप, स्कॉलरशिप, अकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, डीजी लॉकर, नेशनल स्काॅलरशिप पोर्टल ), एल्यूमनाई (एल्यूमनाई एसोसिएशन, एल्यूमनाई को-ऑर्डिनेशन सेल), सूचना प्रकोष्ठ (आरटीआई, सर्कुलर व नोटिस, जॉब), परिसर सदभाव (ई-समाधान, शिकायत निवारण तंत्र समिति, आंतरिक शिकायत समिति, एंटी रैंगिंग) जैसी जानकारियां अपलोड करनी जरूरी होंगी।
