अलमारी के बढ़ते काफिले ने बदला चुनावी माहौल विरोधियों की उड़ी नींद….

नगर निगम चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार तन्मया श्रोत्रिय पति शिवम श्रोत्रिय सशक्त चुनावी अभियान और जनप्रिय छवि के बल पर राजनीति की नई परिभाषा लिखते नजर आ रही हैं।

जनता का यह भरोसा आने वाले समय में क्या रूप धारण करता है ये तो वक़्त ही बताएगा। बहरहाल शिवम श्रोत्रिय एक मजबूत विकल्प के रूप में जरूर जनता के बीच उभरे है।

ज्वालापुर की गलियों से लेकर चौपालों तक, उनके नाम की चर्चा एक नई राजनीति की मिसाल कायम कर रही है।
जनता से मिलती शानदार प्रतिक्रिया ने यह साबित कर दिया है कि शिवम श्रोत्रिय का चुनावी सफर एक जनादेश की शक्ल ले चुका है। जहां विरोधी रणनीतियां बना रहे हैं, वहीं शिवम श्रोत्रिय का हर कदम एक विश्वास की लकीर खींचता जा रहा है।

उनकी मजबूत जनसंपर्क नीति और हर दरवाजे पर दस्तक देने की रणनीति ने उन्हें ज्वालापुर के हर दिल का अजीज बना दिया है। लोग न सिर्फ उनकी साफ-सुथरी छवि और निष्ठावान कार्यशैली के कायल हैं, बल्कि खुले तौर पर समर्थन कर रहे हैं।

उनकी बढ़ती लोकप्रियता और जनाधार देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि शिवम श्रोत्रिय इस चुनाव में सिर्फ एक प्रत्याशी नहीं, बल्कि बदलाव की उम्मीद बनकर उभ रहे हैं।

चुनाव चिन्ह ‘अलमारी‘ के साथ मैदान में उतरे शिवम श्रोत्रिय का कारवा हर दिन लंबा होता जा रहा है। उनका सरल व्यक्तित्व और व्यवहारिक दृष्टिकोण जनता को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. जिससे विरोधियों के खेमे में हलचल मची हुई है।
शिवम श्रोत्रिय ने भाजपा से टिकट न मिलने के बावजूद हार नहीं मानी, बल्कि जनता के बीच सीधे संवाद स्थापित कर एक जनांदोलन की तरह अपने अभियान को आगे बढ़ाया।
