एक मई से चलाया जा रहा है ऑपरेशन स्माइल अभियान, 30 जून तक चलेगा
पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर चलाए जा रहे ऑपरेशन स्माइल के तहत पुलिस गुमशुदा बच्चे, महिलाओं और पुरुषों को खोजकर उनके परिवारों से मिलाकर मुस्कान बिखेर रही है। जीआरपी की टीम ने प्रदेशभर में 15 दिन के अंदर करीब 20 बच्चों और महिलाओं को रेलवे स्टेशन और ट्रेनों से खोज निकाला। इसके बाद उन्हें परिवारों से मिलवाया गया। लापता के लौटने की उम्मीद छोड़ चुके परिवार दोबारा उन्हें अपने बीच पाकर खुश हैं।
एक मई से ऑपरेशन स्माइल अभियान की शुरुआत की गई। अभियान के तहत लंबे समय से गुमशुदा बच्चे, महिला, पुरुषों की खोजबीन में टीमें जुटी हुई हैं। उत्तराखंड के साथ ही अन्य राज्यों में टीमें काम कर रही हैं। जीआरपी की एक टीम पूरे प्रदेश में काम कर रही है। अब तक जीआरपी की टीम ने 20 बच्चों व एक महिला को उनके परिवार से मिलवा चुकी है।
ऑपरेशन स्माइल की इंचार्ज महिला उप निरीक्षक प्रवीना सिदोला ने बताया कि रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों में चढ़ते समय छूटे 12 बच्चों को ढूंढा। इसके अलावा अन्य बच्चे खुला आश्रय गृह में थे, उन्हें भी परिजनों तक पहुंचाने का काम किया गया।
पांच दिन से आश्रय गृह में थे बच्चे
तीन बच्चे पांच दिन से ज्वालापुर स्थित खुला आश्रय गृह में थे। परिजनों को कोई सुराग नहीं लग पा रहा था। एक बच्चा बिहार, एक हरदोई और एक देहरादून का था। टीम ऑपरेशन स्माइल ने मेहनत के बाद घर की जानकारी निकाल ली। इसके बाद उन्हें परिजनों तक पहुंचाया। इसमें एक बच्चा घर से भागकर आया था, मगर वह कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं था।
अन्य राज्यों से भी खोजकर लाए बच्चे
उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों से छह बालक खोजे। जबकि अन्य राज्यों से सात बालकों को बरामद कर परिजनों से मिलवाया। बालिकाओं की बात करें तो उत्तराखंड से एक तो यूपी व अन्य प्रदेश से पांच बालिका ढूंढी गई। एक महिला को भी उत्तर प्रदेश से खोजकर परिवार से मिलाया है। इस तरह से कुल 20 को मिलवाया गया है।
पुलिस मुख्यालय के आदेश पर ऑपरेशन स्माइल के तहत लापता बच्चे, पुरुष, महिलाओं को खोजकर उन्हें परिजनों से मिलाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। विभिन्न रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में गुम होने वाले बच्चों को लगातार बरामद कर उनके परिजनों के सुपुर्द किया जा रहा है। इसके लिए टीम लगातार जुटी हुई है। -सरिता डोबाल, पुलिस अधीक्षक, जीआरपी
