ऋषिकेश। स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में रविवार को पहुंची राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया ने श्रीराम कथा में सहभाग किया। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को जरूरी बताया। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया। उसके बाद उन्होंने परमार्थ निकेतन में मानस कथाकार मुरलीधर द्वारा की जा रही श्रीराम कथा का श्रवण किया। वसुन्धरा राजे ने कहा कि संतों के सानिध्य और आशीर्वाद से हमारे जीवन में बहुत कुछ बदल जाता है। कथाएं हमारे जीवन को बदलने का कार्य करती हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे परमार्थ निकेतन आने का अवसर प्रभु ने प्रदान किया है। पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए हम सभी को सहयोग करने की जरूरत है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि राजस्थान की धरती शौर्य और शूरता की धरती है। राजस्थान की धरती से ही मीरा बाई ने संदेश दिया कि जीवन महलों में नहीं है, बल्कि समाज सेवा के लिए है। राजस्थान का अधिकांश भाग मरुस्थल है, जहां जल नाममात्र के लिये भी नहीं है। जिसके कारण राजस्थान वासियों को जल संकट का सामना करना पड़ता है। इसलिये हम सभी को मिलकर वर्षा को आकर्षित करने वाले पौधों का रोपण करना होगा। वृक्षों की जो अंधाधुंध कटाई हो रही है, जिससे न केवल राजस्थान बल्कि पूरे विश्व में जलसंकट दिन प्रतिदिन गहराता जा रहा है। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया ने राजस्थान की भूमि से लाया पौधा स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज को भेंट किया।
