देहरादून/हरिद्वार। उत्तराखंड शासन ने प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के उद्देश्य से दो आईएएस अधिकारियों का तबादला करते हुए उन्हें नई जिम्मेदारियाँ सौंपी हैं। इस फेरबदल में मयूर दीक्षित को टिहरी से स्थानांतरित कर हरिद्वार का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि नितिका को टिहरी जिले की जिलाधिकारी की कमान सौंपी गई है।
मयूर दीक्षित: एक परिचय
आईएएस मयूर दीक्षित 2013 बैच के अधिकारी हैं, जिन्होंने 2012 की सिविल सेवा परीक्षा में 11वीं रैंक प्राप्त की थी। मूल रूप से राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के निवासी मयूर दीक्षित ने आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया है और बाद में आईआईएम बैंगलोर से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने मुंबई की एक मल्टीनेशनल कंपनी में तीन वर्षों तक कार्य किया, जिसके पश्चात उन्होंने सिविल सेवा में प्रवेश किया ।
प्रशासनिक अनुभव
मयूर दीक्षित ने उत्तराखंड में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है:
मुख्य विकास अधिकारी, उधमसिंह नगर: इस पद पर रहते हुए उन्होंने मनरेगा और जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए, जिसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री उत्कृष्टता एवं सुशासन पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
जिलाधिकारी, उत्तरकाशी: यहाँ उन्होंने प्रशासनिक दक्षता और जनसंपर्क के माध्यम से जनता का विश्वास अर्जित किया।
जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग: इस पद पर रहते हुए उन्होंने केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन और नवाचारों के लिए सराहना प्राप्त की।
शैक्षणिक योगदान
मयूर दीक्षित शिक्षा के क्षेत्र में भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उन्होंने इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलंपियाड में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है और अपने व्यस्त प्रशासनिक कार्यों के बीच समय निकालकर सरकारी विद्यालयों में रसायन विज्ञान पढ़ाने की पहल की है। उन्होंने टिहरी जिले के केंद्रीय विद्यालय में छात्रों को पढ़ाया और उन्हें विज्ञान के प्रति रुचि विकसित करने के लिए प्रेरित किया ।
नितिका: टिहरी की नई जिलाधिकारी
आईएएस नितिका को टिहरी जिले की नई जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। उनकी गिनती उत्तराखंड की कर्मठ और निष्ठावान महिला अधिकारियों में होती है। टिहरी जैसे पहाड़ी और रणनीतिक जिले में उनकी तैनाती से स्थानीय विकास कार्यों और जनहित योजनाओं में गति आने की संभावना है।
निष्कर्ष
यह प्रशासनिक फेरबदल राज्य में सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हरिद्वार और टिहरी जैसे महत्वपूर्ण जिलों में अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति से प्रशासनिक कार्यों में नई ऊर्जा और दक्षता की उम्मीद की जा रही है।
